Wednesday, March 14, 2012

विकसित राज्यों में और कम हुई लड़कियां


राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा यहां जारी नई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा भले ही आर्थिक रूप से प्रगति की राह पर हों, लेकिन इन राज्यों में अन्य राज्यों की तुलना में लिंगानुपात की स्थिति ज्यादा खराब है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा आर्थिक रूप से काफी संपन्न हैं, लेकिन यहां लिंग अनुपात सबसे ज्यादा असंतुलित है। ग्रामीण क्षेत्रों में हर एक हजार पुरुषों पर 919 महिलाएं हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में हर एक हजार पुरुषों पर सिर्फ 902 महिलाएं हैं। लिंग अनुपात के मामले में हरियाणा के झज्जर और फिर महेंद्रगढ़ की स्थिति सबसे खराब है, जहां एक हजार पुरुषों पर क्र मश: 774 और 778 महिलाएं हैं। देश में केरल और पुडुचेरी में लिंगानुपात सबसे ज्यादा संतुलित है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि लैंगिक भेदभाव के खिलाफ दशकों के संघर्ष के बावजूद आंकड़े बताते हैं कि देश में बड़े स्तर पर लिंगभेद लगातार जारी है। खासकर आर्थिक रूप से संपन्न राज्यों में। राष्ट्रीय महिला आयोग और संयुक्त राष्ट्र की संयुक्त पहल पर तैयार रिपोर्ट अंडरस्टैंडिंग जेंडर इक्वेलिटी इन इंडिया-2012’ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों और आयोगों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है। देश में लिंगानुपात 2001 में 1000 पुरुषों पर 933 महिलाएं की तुलना में 2011 में 1000 पुरुषों पर 940 महिलाएं हो गया है। आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति है। उन्होंने कहा कि हर कोई कहता है कि भारत विकासशील देश है, लेकिन हम ऐसा कैसे कह सकते हैं। रिपोर्ट में आंकड़ों की मदद से कहा गया कि भारत की 30 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक हिंसा सहती हैं। आठ फीसद महिलाएं यौन हिंसा झेलने को मजबूर हैं। महिलाओं पर शारीरिक हिंसा के मामले में बिहार जबकि यौन हिंसा के मामले में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है। 2001 : 1000 पुरुषों पर 933 महिलाएं 2011 में 1000 पुरुषों पर 940 महिलाएं शारीरिक हिंसा : 30 फीसद यौन हिंसा : 08 फीसद शारीरिक हिंसा के मामले में बिहार शीर्ष पर यौन हिंसा के मामले में पश्चिम बंगाल आगे दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा में लिंग अनुपात सबसे ज्यादा असंतुलित केरल और पुडुचेरी में लिंगानुपात सबसे ज्यादा संतुलित