Monday, April 30, 2012

कम उम्र में मां बनती हैं 22 फीसदी युवतियां


भारत में 20 से 24 साल की उम्र के बीच की 22 प्रतिशत महिलाएं वयस्क होने से पहले ही मां बन जाती हैं। देश की 54 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि कुछ कारणों से पति का पत्नी की पिटाई करना जायज है जबकि 57 प्रतिशत किशोर भी इसे सही मानते हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 54 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि खाना जला देने, बहस करने, बिना बताए बाहर जाने जैसी वजहों पर पति का अपनी पत्नी की पिटाई करना जायज है। द स्टेट ऑफ द व‌र्ल्ड चिल्ड्रन 2012 के शीर्षक से जारी की गई रिपोर्ट में यूनिसेफ कहा गया है कि भारत में 2000 से 2010 तक 30 प्रतिशत महिलाओं की शादी 15 से 19 साल की उम्र के बीच कर दी गई। पुरुषों में यह आंकड़ा मात्र पांच प्रतिशत ही था। इसमें बताया गया है कि 20 से 24 साल की उम्र के बीच की 47 प्रतिशत महिलाओं की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर दी गई थी। साथ ही 18 प्रतिशत महिलाओं की 15 साल की उम्र से पहले ही शादी कर दी गई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में किशोरावस्था में मां बनने की दर प्रति हजार पर 45 है जिसका अर्थ है कि 15 से 19 साल की प्रति हजार किशोरियों में से 45 इसी उम्र में ही मातृत्व प्राप्त कर लेती हैं। यूनिसेफ की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 से 19 साल के बीच के युवक- युवतियों में 35 प्रतिशत युवक और 19 प्रतिशत युवतियां ही एच आई वी के संक्रमण को रोकने के उपायों के बारे में जानकारी रखते हैं। साथ ही रिपोर्ट के अनुसार 15 से 49 साल की उम्र के बीच की 54 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009 में 15-49 साल के संभावित वयस्कों में 0.3 प्रतिशत व्यक्तियों में एचआइवी का प्रचलन देखा गया। साथ ही 2009 में 8.8 लाख माताएं एचआइवी से पीढि़त थीं। यूनिसेफ का मानना है कि 2000 और 2009 के बीच अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे 42 प्रतिशत भारतीय थे।

No comments:

Post a Comment