Saturday, July 14, 2012

पंचायती फरमान ने खड़ा किया तूफान


बागपत जिले की एक खाप पंचायत की ओर से मुख्यत: महिलाओं पर किस्म-किस्म की बंदिश लगाने वाले अजीबोगरीब फैसलों ने सामाजिक-राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में तूफान सा खड़ा कर दिया है। इलाके में कानून-व्यवस्था का भी संकट खड़ा कर दिया है। पंचायत की अगुवाई करने वाले मोहकम और मुजाहिर को गुरुवार रात पुलिस थाने ले गई तो ग्रामीणों ने विरोधस्वरूप दिल्ली-सहारनपुर हाइवे जाम किया। पुलिस के पहुंचने पर उसके साथ मारपीट की और बाइक फूंक दी। पुलिस ने जब दोनों को छोड़ा, तब जाम खुला। इस घटना पर आइजी (कानून एवं व्यवस्था) बीपी सिंह ने कहा है कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कारवाई की जाएगी। अगर पंचायत ने इस तरह का फरमान सुनाया है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बागपत पुलिस ने इस घटना में शामिल 15 लोगों की पहचान का दावा किया है। बावजूद इसके खाप पंचायत अपने तुगलकी फरमान पर अड़ी है। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिंदबरम ने इस फरमान को अलोकतांत्रिक करार देते हुए यूपी सरकार से अपील की है कि वह ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे जो गैर कानूनी आदेश थोपने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि राज्य कैबिनेट मंत्री आजम खां ने शुक्रवार को लखनऊ में कहा कि पंचायत ने फरमान नहीं सुनाया है। वह उनकी राय है। अपनी-अपनी बिरादरी के लिए समय-समय पर पंचायतों की तरफ से इस तरह की राय आती रहती हैं। यह जरूरी नहीं कि इसे सभी लोग माने। सरकार यह देख रही है कि कानून से टकराव न होने पाए। तमाम महिला संगठनों के साथ राज्य महिला आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है। आयोग की सदस्य सचिव अनीता वर्मा सिंह ने बागपत के डीएम से मामले पर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। बीते दिनों बागपत जिले के मुस्लिम बहुल असारा गांव में 36 बिरादरी की पंचायत ने प्रेम विवाह पर चर्चा करने के बाद सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि अपनी मर्जी से विवाह करने वाले युवक-युवतियों को गांव में नहीं रहने दिया जाएगा। इससे बिरादरी के साथ-साथ गांव की भी बदनामी होती है। पंचायत ने यह भी तय किया कि 40 वर्ष की उम्र से कम महिला गांव में लगने वाली साप्ताहिक बाजार में नहीं जाएगी और वे मोबाइल भी इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी। गांव की गलियों में कोई युवक ईयर फोन लगाकर नहीं चलेगा। युवतियों को भी गलियों में सिर पर चुन्नी रखकर चलना होगा। पंचायत ने दहेज को अभिशाप बताते हुए निर्णय सुनाया था कि गांव के लोग न दहेज लेंगे न देंगे और यदि कोई इसका उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ पंचायती कार्रवाई होगी। पंचायत में हिंदू व मुस्लिम समाज के 250 लोगों ने शिरकत की। पंचायत के फैसलों पर सभी बिरादरियों ने सहमति जताई। फैसले के खिलाफ जाने वालों को दंड देने की जिम्मेदारी बिरादरियों की पंचायत पर छोड़ी गई थी। ज्यादातर गांव वाले मोबाइल फोन को तमाम समस्याओं की जड़ मानते हैं। इस इलाके की खाप पंचायतें पहले भी इस तरह के फरमान सुना चुकी हैं। एक पंचायत अविवाहित लड़कियों के मोबाइल फोन पर पाबंदी लगा चुकी है और एक अन्य शादियों पर डीजे का इस्तेमाल प्रतिबंधित कर चुकी है। 

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