मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को छत्रपतिशाहूजी महाराज नगर, रायबरेली और प्रतापगढ़ जिले में विकास कार्यो का निरीक्षण करने के साथ ही अधिकारियों को हिदायत भी दी। छत्रपतिशाहूजी महाराज नगर में जहां उन्होंने ऑल इज वेल कहते हुए कैबिनेट सचिव को निर्देश दिया कि जिला स्थापित होने के लिए शासन में लंबित औपचारिकताएं तत्काल निपटाकर भवन निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि अवमुक्त कराएं, वहीं रायबरेली में कहा कि महिला उत्पीड़न के मामलों में कतई ढिलाई न बरती जाए। प्रतापगढ़ में जगह-जगह खामी देख अधिकारियों को फटकार लगाई। रायबरेली में महिला उत्पीड़न के दस मामले लंबित होने पर मुख्यमंत्री मायावती बोलीं, महिला उत्पीड़न के मामलों में कतई ढिलाई न बरती जाए। पीडि़त महिला का 164 के बयान करायें जाएं, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। देरी होने से सरकार की बदनामी होती है, साथ ही पुलिस की भी छवि खराब होती है। यहां दो घंटे के भ्रमण में उन्होंने अंबेडकर गांव जिला अस्पताल, शहर कोतवाली, सदर तहसील एवं कांशीराम आवास योजना का निरीक्षण किया। इसमें मुख्यमंत्री को तहसील से जुड़े मामलों के निस्तारण में देरी मिली तो उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई। मुख्यमंत्री सबसे पहले हेलीकॉप्टर से रायबरेली के रोहनियां विकासखंड के अंबेडकर गांव चक भीरा पहुंची। वहां उन्होंने विकास कार्यो का निरीक्षण किया। यहां पर पट्टा आवंटन की जानकारी लेने पर एसडीएम ने बताया कि 75 फीसदी लोगों को पट्टे दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री यह सुनते ही बोलीं सौ फीसदी लोगों को क्यों नहीं मिले। इसमें देरी क्यों? इस सवाल पर अफसर मौन रहे। वहां से चलकर मुख्यमंत्री पुलिस लाइन में उतरी और कार से जिला अस्पताल पहुंची यहां पर मरीजों का हालचाल पूछा कि दवा आदि मिल रही है। सभी ने हां में जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने सीएमएस से कहा कि जिस तरह की यहां पर सफाई व्यवस्था है, उसे बनाए रखें और गरीबों को दवा मिलने में कोई दिक्कत न हो। शहर कोतवाली के निरीक्षण में उन्होंने एससी-एसटी का रजिस्टर मांगा, वह मिलने में काफी विलंब हुआ। बोलीं न्यायालय के जरिए शिकायतों का दर्ज होना ठीक नहीं है। दलित उत्पीड़न के मामलों को अफसर गंभीरता से लें और निष्पक्षता से जांच करें। यहां से वह हेलीकाप्टर से कांशीराम आवास योजना का निरीक्षण करने पहुंची और खोर में महिला से पूछा कि बताओ कालोनी में पानी आता है या नहीं? महिला ने हां में जवाब दिया, फिर कैबिनेट सचिव एवं डीएम को निर्देश दिया कि तीनों कालोनियों के बीच में एक ही स्थान पर स्कूल, बाजार व पार्क आदि सारी व्यवस्था की जाए। पूरे परिसर का पैदल भ्रमण करने के बाद वह लखनऊ चली गई। इसके पहले मुख्यमंत्री छत्रपति नगर में बहादुरपुर ब्लॉक के अंबेडकर गांव चक दहिरामऊ पहुंची। प्राथमिक स्कूल में तहसील के अभिलेख देखे और बच्चों से बात की। मुख्यमंत्री ने जनपद स्थापित करने के बारे में जानकारी चाही तो जिलाधिकारी ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के लिए पत्रावली शासन को भेज दी गई है। मुख्यमंत्री ने साथ चल रहे कैबिनेट सचिव शशांक शेखर को निर्देश दिया कि जनपद स्थापित होने संबंधी जो भी पत्रावली शासन स्तर पर विचाराधीन हो उसे तत्काल स्वीकृत कराएं। दोपहर को वह सीएसएम नगर (अमेठी) जिले के निरीक्षण को रवाना हो गई।
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