Friday, April 15, 2011

पंजाबी महिलाओं में पढ़ने की लगन अधिक


 साक्षरता के मामले में देश में 21वें स्थान पर बैठे पंजाब का सिर शर्म से भले ही झुका हुआ है, लेकिन वह इस बात पर गर्व कर सकता है कि उसके सूबे की महिलाओं में शिक्षा हासिल करने का रुझान पुरुषों के मुकाबले काफी बेहतर है। प्रदेश में पिछले दस वर्षो में पुरुषों में साक्षरता दर में 6.3 फीसदी सुधार हुआ है जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 7.9 फीसदी रहा। दस साल पहले पुरुषों की साक्षरता दर 75.2 थी, जो अब 81.5 हो गई, जबकि महिलाओं में साक्षरता दर अब 71.3 फीसदी हो गई, जो दस साल पहले 63.4 थी। मालूम हो कि वर्ष 2001 में प्रदेश में औसत साक्षरता दर 69.7 फीसदी थी जो 2011 में बढ़कर 76.7 हो गई है। सबसे अनपढ़ जिले मानसा में वर्ष 2001 की जनगणना के दौरान साक्षरता दर मात्र 52.4 फीसदी थी, जो 10 फीसदी की बढ़ोतरी से जनगणना 2011 में 62.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। दस साल पहले मानसा जिले की पुरुष साक्षरता दर 58.9 फीसदी थी, जो अब बढ़कर 68.4 फीसदी हो गई। यानी 9.5 फीसदी का सुधार। दस साल पहले इस जिले की महिलाओं में साक्षरता दर केवल 45.2 थी, जो जनगणना-2011 तक 11.2 फीसदी सुधार के साथ 56.4 फीसदी हो गई। होशियारपुर वर्तमान साक्षरता दर 85.4 फीसदी के साथ सभी जिलों में अव्वल है, जो पिछले एक दशक के दौरान 81 फीसदी थी। यानी 4.4 फीसदी का सुधार हुआ। इस जिले में पुरुष व महिला साक्षरता दर में क्रमश: 3.5 फीसदी और 5.5 फीसदी सुधार हुआ। बरनाला जिले में साक्षरता दर 60.3 फीसदी से बढ़कर 68.9 फीसदी हो गई, लेकिन इस बढ़ोतरी में महिलाओं का योगदान कहीं ज्यादा कहा जाएगा, क्योंकि पुरुषों में 5.7 फीसदी वृद्धि के साथ साक्षरता दर 73.1 हो गई। महिलाओं में 9.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ साक्षरता दर इस बार 64.1 हो गई। इसी तरह साक्षरता में संगरूर जिले के पुरुषों में 8.2 फीसदी के मुकाबले महिलाओं में 9.9 फीसदी का सुधार हुआ। बठिंडा में पुरुषों में साक्षरता दर 7.5 फीसदी और महिलाओं में 9.2 फीसदी, गुरदासपुर में क्रमश: 6.1 8.6 फीसदी, जालंधर में क्रमश: 3.9 5.2 फीसदी का सुधार हुआ। यही रुझान अन्य सभी जिलों का है, जहां महिलाओं में साक्षरता सुधार दर पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा है|

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