Monday, April 25, 2011

पंचायत ने घुटने टेके, नौकरी पर जा सकेंगी महिलाएं


आखिरकार जन जागरण की जीत हुई। हवा बदलते ही बंदिशें खत्म। जनता की भावनाओं के आगे बिरादरी की पंचायत ने हथियार डाल दिए। महिलाओं ने नौकरी पर जाना शुरू किया और इसी के साथ सराय व गाडोवाली में चार दिन से पसरा सन्नाटा भी टूट गया। दोनों गांवों के प्रधानों ने एलान कर दिया कि महिलाएं अपने काम पर जा सकती हैं। बीते बुधवार को सराय गांव में बिरादरी की पंचायत के तुगलकी फरमान के बाद गांव में तनाव हो गया और सहमी हुई महिलाओं ने काम पर जाना बंद कर दिया। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे प्रमुखता से उठाया। फलस्वरूप सरकार से लेकर विभिन्न संगठन हरकत में आये और तुगलकी फरमानों की चहुंओर निंदा की गई। फरमान पर महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया तो मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। जन प्रतिनिधियों और महिला संगठनों ने इसे महिला अधिकारों के हनन के साथ ही संविधान का उल्लंघन भी बताया। जन भावनाओं को देख सक्रिय हुई पुलिस गांव पुहंची और बिरादरी के बड़े-बुजुर्गो से बातचीत की। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी भी दी। हालांकि बिरादरी के लोग किसी भी प्रकार का फरमान जारी होने से इनकार करते रहे। शनिवार को सराय और गाडोवाली गांव की फिजा बदली-बदली नजर आई। चार दिन बाद सराय गांव की महिलाएं घर की चौखट से बाहर निकल काम पर गई। कई युवतियों और महिलाओं ने फरमान के बाद फैक्टि्रयों से छुट्टी ले ली थी। अब सोमवार से गांव की सभी नौकरी पेशा महिलाएं सोमवार से काम पर जा सकेंगी।


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